13/14 अगस्त 2013 को केंदीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद में फणीश्वर नाथ 'रेणु' पर केंद्रित द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी निवर्तमान प्रोफ़ेसर डॉ.सुवास कुमार के सम्मान में आयोजित थी. पहले सत्र की अध्यक्षता प्रो. दिलीप सिंह ने की. उस सत्र में अन्य मित्रों के साथ अपुन को भी ''आंचलिकता की प्रासंगिकता और हिंदी उपन्यास'' पर बोलने का सुयोग मिला. उसी दिन लंच-काल में प्रो. दिलीप सिंह का यह वक्तव्य रिकॉर्ड किया गया था.साथ ही और भी कई विद्वानों के उदगार. (ऋषभ देव शर्मा)
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